
CHANDUALI:सीबीआई इंस्पेक्टर की बाइक हुई बरामद,सीओ आशुतोष बोले- गलतफहमी के कारण एक युवक लेकर चला गया था घर

CHANDAULI: चंदौली(पीडीडीयू नगर) : (खबर केसरी)। मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र में सीबीआई इंस्पेक्टर की छापेमारी के दौरान जो बाइक गायब हुई थी उसे मुगलसराय पुलिस ने 24 घंटे के अंदर खोज निकाली। इंस्पेक्टर की बाइक को एक युवक लेकर चला गया और अपनी बाइक मौके पर छोङ दिया था। कोतवाल ने छानबीन करते हुए सीबीआई निरीक्षक की बाइक बरामद कर ली वहीं दूसरी बाइक युवक को सौंप दी।

बता दें कि सीबीआई नई दिल्ली में तैनात इंस्पेक्टर दिनेश पटेल को गोपनीय सूचना मिली थी रेलवे की प्रोन्नत परीक्षा में धांधली और रिश्वत लेने के दो आरोपी मॉडल शाप के पास मौजूद हैं। दोनों की निगरानी में वह बाइक बगल में खड़ी कर उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। जब वह वहां से लौटे तो उनकी बाइक गायब मिली। इसके बाद उन्होंने मुगलसराय कोतवाली में तहरीर दी की वाराणसी के नैपुरा निवासी संतोष सिंह की बाइक से वे पीडीडीयू नगर में विभागीय और गोपनीय कार्य से आए हुए थे। नई बस्ती में वाराणसी मुगलसराय मार्ग पर स्थित एचपी पेट्रोल पंप के सामने बाइक खडा कर वे कुछ दूरी पर चले गए। इसी बीच बाइक चोर उनकी बाइक लेकर फरार हो गए। आसपास उन्होंने खोजबीन की लेकिन उसका पता नहीं चल सका। उनकी तहरीर पर पुलिस बाइक की तलाश कर रही थी।

इस दौरान मुगलसराय कोतवाल विजय बहादुर ने बताया कि दिल्ली में तैनात सीबीआई निरीक्षक दिनेश पटेल अपनी बाइक खड़ी कर कुछ काम से दूर चले गए थे। इसी बीच उनके गाडी की ही तरह और उसी रंग की दूसरी गाडी से तीन युवक आए और जल्दबाजी में निरीक्षक की बाइक लेकर चले गए और अपनी बाइक छोङ दिए थे। लावारिश हाल में बाइक मिलने की सूचना पर जांच की गई तो नगर के सुभाष नगर निवासी माधो सिंह यादव की बाइक मौके से मिली। युवक से पूछताछ के दौरान बताया कि एक ही रंग की गाडी होने के चलते गलती से वह दूसरी बाइक लेकर चला गया था। इसके बाद निरीक्षक की गाडी वापस लेकर युवक की बाइक दे दी गई। बाइक बरामद होने की जानकारी दे दी गई है।

इस संबंध में पीडीडीयू नगर के सीओ आशुतोष ने बताया कि छापेमारी के दौरान जो सीबीआई की बाइक चोरी होने की खबर आई थी, वह दरअसल किसी कंफ्यूजन का परिणाम था। एक व्यक्ति ने गलती से बाइक अपने घर ले जाकर रख ली थी। आज वह व्यक्ति स्वेच्छा से बाइक को लेकर कोतवाली में जमा करने आया। सीओ ने बताया कि इस घटना में कोई गंभीर आपराधिक तत्व शामिल नहीं था और यह केवल एक गलतफहमी का परिणाम था।