
CHANDAULI: CBI की गिरफ्त में पीडीडीयू रेल मंडल कार्यालय में तैनात सुशांत परासर और सुरजीत सिंह।

CHANDAULI: चंदौली(पीडीडीयू नगर) : (खबर केसरी)। रेल विभाग के चीफ लोको पायलट इंस्पेक्टर पद पर रिश्वत लेकर पेपर सॉल्व कराए जाने की सूचना पर लखनऊ सीबीआई विभाग की विशेष टीम ने सोमवार की रात मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के आठ जगह छापेमारी की। छापेमारी के दौरान एक करोड़ सत्रह लाख रुपए बरामद किए गए।

विभागीय परीक्षा पेपर लीक घोटाले का पता लगाया गया और उसका भंडाफोड़ किया गया। सीबीआई की टीम ने पीडीडीयू रेल डिवीजन में कार्यरत सीनियर डीईई ऑपरेशन सुशांत परासर, सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह और 8 अन्य रेलवे अधिकारियों तथा अज्ञात अभ्यर्थियों और अज्ञात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।

सभी 26 आरोपियों को सीबीआई ने अपने साथ लखनऊ ले गई। पूर्व मध्य रेलवे ने मुख्य लोको निरीक्षकों के पदों के लिए 4 मार्च को विभागीय परीक्षा मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के प्लांट डिपो स्थित पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर निर्धारित की थी। सीबीआई द्वारा मुगलसराय में सोमवार की देर रात 3 स्थानों पर की गई जांच के दौरान कुल 17 अभ्यर्थियों के पास हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी पाई गई।


अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी सीनियर डीईई (ऑपरेशन) सुशांत परासर को उक्त परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उसने अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न लिखे थे और कथित तौर पर इसे एक लोको पायलट को दिया था, जिसने इसे हिंदी में अनुवाद किया और आगे एक ओएस (ट्रेनिंग) को दिया।
कथित ओएस (ट्रेनिंग) ने कथित तौर पर इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से अभ्यर्थियों को दिया। सीबीआई ने आरोपी सीनियर डीईई (ऑपरेशन) और अन्य रेलवे कर्मचारियों को पैसे इकट्ठा करने और प्रश्नपत्र वितरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
वर्तमान में लोको पायलट के रूप में काम कर रहे 17 विभागीय उम्मीदवारों ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र के लिए पैसे दिए। तीन चार मार्च की रात को प्रश्नपत्रों की प्रतियों के साथ रंगे हाथों पकड़े गए। उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में अब तक कुल 26 रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
आठ स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.17 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। कथित तौर पर यह रकम प्रश्नपत्र लीक करने के लिए उम्मीदवारों से वसूली गई थी। हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों के साथ-साथ उनकी फोटोकॉपी भी जब्त कर ली गई। प्रश्नपत्रों का मिलान मूल/वास्तविक प्रश्नपत्र से किया गया जो मेल खाते हैं।
हालांकि सीबीआई की इस कार्रवाई ने कई सवाल खड़े कर दिए। मंडल रेल कार्यालय में क्या भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हो गई हैं? क्योंकि दो वरिष्ठ रेल अधिकारियों की गिरफ्तारी ने बहुत हद तक इस सवाल का जवाब तो दे ही दिया।