
CHANDAULI:रमजान का पाक महीना रविवार से शुरू हो रहा है, यह महीना मुसलमानों के लिए बेहद खास माना जाता है,

CHANDAULI: चंदौली(पीडीडीयू नगर) : (खबर केसरी)। शनिवार को मुकद्दस माह रमजान का चांद होते ही मुस्लिम समुदाय के लोगों में खुशी छा गई। लोग देर शाम तक एक-दूसरे को रमजानुल मुबारक की मुबारकबाद देते रहे। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रमजान से संबंधित खरीदारी की। विभिन्न मस्जिदों में ईशा की नमाज के दौरान विशेष नमाज तरावीह अदा की गई।

दामन में अल्लाह की बेपनाह बरकातो-खैरात का एक जहां समेटे हुए रमजानुल मुबारक का पाकीजा महीना प्रारंभ हो गया है। माहे-रमजान अपनी रहमतों, मसर्रतों, अजमतों एवं बरकतों के लिहाज से एक मिसाली महीना माना जाता है। यह बा-बरकत महीना रोजा, तरावीह, तिलावते-कुर्आनपाक, तकवा परहेजगारी, हमदर्दी, गमगुसारी, मुहब्बत और उल्फत, खैर-ख्वाही, खिदमते-खल्क, मगफिरत, जहन्नुम से छुटकारा, सदक-ए-फित्र और एहसान का महीना है। यह एक ऐसा महीना है जिसमें जहन्नुम (नर्क) के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।


अज्रो-सवाब बढ़ाकर देने, गुनाहों के माफ कराने और दुआओं के कुबूल होने एवं दरजात के बुलंद होने का महीना है। जंग-ए-बदर (बदर के युद्ध) से एक माह और कुछ दिन पूर्व रमजान के रोजों की फर्जियत का हुक्म नाजिल हुआ। तब से पूरी दुनिया के मुसलमान 29 या 30 दिन के रोजे रखते हैं। इसमें लोग सूर्य निकलने से पूर्व से लेकर सूर्य डूबने तक किसी भी तरह की चीज खाने-पीने से परहेज करते हैं। पंजवक्ता नमाज के साथ ही एक विशेष नमाज, जिसे तरावीह कहा जाता है ईशा की नमाज के साथ ही बा-जमात अदा की जाती है। तिलावते-कुर्आनपाक के साथ ही दावत-ए-इफ्तार का सिलसिला पूरे माह चलता रहता है। तीन अशरों में विभाजित महीने के आखिरी अशरा में यह सिलसिला और गति पकड़ लेता है। इन नमाज एवं दावत-ए-इफ्तार में काफी लोग एक साथ शामिल होते रहे हैं। कोविड-19 जैसी महामारी के कारण विगत दो वर्षों से रोजेदार घर की दहलीज के अंदर ही रोजा, नमाज, तिलावते-कुर्आनपाक एवं दूसरी अन्य इबादतें करते रहे। इस बार स्थिति सामान्य है। इस कारण लोगों में रमजान को लेकर और अधिक उत्साह है। अन्य दिनों की अपेक्षा मस्जिदों में नमाजियों की संख्या भी बढ़ गई।
इस बार रमजान महीने में चार जुमे पड़ेंगे। पहला जुमा एक मई, दूसरा आठ मई, तीसरा 15 मई एवं चौथा 22 मई को होगा। साहेब रजा खान ने बताया कि रमजान में जन्नत के सातों दरवाजे खोल दिए जाते है व शैतान को कैद कर दिया जाता है इसी महीने में पवित्र कुरान अल्लाह के तरफ से उतरा है इस महीने में मुसलमान एक विशेष नमाज तरावीह की नामाज अदा करते है। दिन भर अल्लाह को खुश रखने के लिए भूखा व प्यासा रहना पड़ता है, मुसलमान इस पवित्र माह की मेहमान की तरह हल अदा करते है। एक साल के इंतजार के बाद उर्दू सन के नौंवा महीना में रमजान आया है।