CHANDAULI: शहर में अवैध कट्टीघरों (बूचड़खाना) की कमी नहीं हैं

CHANDAULI:चोरी-छिपे कर रहे कारोबार

CAHNDAULI:चोरी-छिपे कर रहे कारोबार

 

 

CHANDAULI
CHANDAULI.

मुकेश तिवारी की खबर

CHANDAULI: चंदौली(पीडीडीयू नगर) : (खबर केसरी)।  मांस का कारोबार प्रशासन स्तर पर भले ही रोक दिया गया हो, लेकिन चोरी छिपे धड़ल्ले से मांस बिक रहा है। फर्क सिर्फ इतना आया है कि भैंसा का जो मांस 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वह अब 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। डलिया में रखकर घर- घर भेजा जा रहा है। गोपनीय स्थान पर भैंसे काटे जा रहे हैं।

मछली कारोबारियों की बल्ले- बल्ले

भैंसा और बकरे का मांस प्रतिबंधित हो जाने के बाद इसका सबसे अधिक फायदा मछली विक्रेताओं को मिल रहा है। पहूंज नदी के किनारे और नंदनपुरा मार्ग पर ग्राहकों की भीड़ लग रही है। पहले जो मछली 150 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही थी, अब उसके दाम 500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। बकरे के मांस का रेट 400 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये किलो तक पहुंच गया है।
CHNADAULI
CHANDAULI
CHANDAULI
CHANDAULI

ये हैं मानक

यूं तो मांस बेचने के लिए बहुत से मानक हैं, लेकिन मोटा- मोटा इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि दुकान में पूरी तरह से टाइल्स लगे हों। कांच से बंद हो। दुकान की रंगाई- पुताई प्रतिदिन की जाए। जो भी औजार दुकान में रखे जाएं, वह स्टील के हों। काटने के बाद जानवर का खून इधर- उधर न बहे। दुकान पर फ्रीजर रखना अनिवार्य है। डस्टबिन प्रतिदिन बदली जाए।
CHANDAULI
CHANDAULI

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता निवारण (बूचड़खाना) नियम, 2001 लागू हैं

 

“सभी शहरी बूचड़खानों, साथ ही वहां काम करने वाले कसाई और मांस काटने वालों को लाइसेंस दिया जाना चाहिए, और बूचड़खानों में प्रवेश को सख्ती से नियंत्रित किया जाना चाहिए। बूचड़खानों से प्राप्त आय का बड़ा हिस्सा उनके रखरखाव, कुशल संचालन और सुधार पर खर्च किया जाना चाहिए।” मैं इसी तरह से और भी बहुत कुछ उद्धृत कर सकता हूँ। यह कुछ ऐसा नहीं है जो राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कहा है। यह बूचड़खानों और मांस निरीक्षण प्रथाओं के बारे में खाद्य और कृषि मंत्रालय द्वारा 1955 में गठित समिति (1957 में रिपोर्ट प्रस्तुत) का एक उद्धरण है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत, 2001 के पशु क्रूरता निवारण (बूचड़खाना) नियम हैं। धारा 3 (1) में कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति नगरपालिका क्षेत्र के भीतर किसी भी पशु का वध नहीं करेगा, सिवाय उस बूचड़खाने के जिसे उस समय लागू कानून के तहत सशक्त संबंधित प्राधिकारी द्वारा मान्यता प्राप्त या लाइसेंस प्राप्त हो।” नियम बूचड़खानों और चरागाहों में सुविधाओं और वध की प्रक्रियाओं को निर्दिष्ट करते हैं। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत, हमारे पास 2011 के खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य व्यवसायों का लाइसेंस और पंजीकरण) विनियम भी हैं। इसकी अनुसूची 1 से, “50 से अधिक बड़े जानवरों या भेड़ और बकरियों सहित 150 या उससे अधिक छोटे जानवरों या प्रतिदिन 1,000 या उससे अधिक पोल्ट्री पक्षियों का वध करने के लिए सुसज्जित सभी बूचड़खानों” के लिए केंद्रीय लाइसेंस की आवश्यकता होगी। इस प्रकार हमारे पास उच्च श्रेणी के बूचड़खानों के लिए दोहरा FSSAI (खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत प्राधिकरण) और नगरपालिका पंजीकरण/लाइसेंस है और अन्य के लिए केवल नगरपालिका पंजीकरण/लाइसेंस है।

CHANDAULI
CHANDAULI

 

किसी न किसी तरह के पंजीकरण/लाइसेंस से कोई बच नहीं सकता है – बूचड़खानों को ओवाइन (भेड़), कैप्रिन (बकरी), सुइलिन (सूअर), बोवाइन (मवेशी), मुर्गी और मछली में विभाजित किया गया है। वे वास्तव में FSSAI पंजीकरण प्रमुख हैं, नगरपालिका के नहीं। हमारे पास पिछले साल का FSSAI डेटा है जब स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न का लिखित उत्तर दिया था  FSSAI के साथ 62 बूचड़खाने पंजीकृत हैं। बीस यूपी से हैं और हर दूसरे राज्य में 10 से कम हैं। यह मानते हुए कि जिन लोगों को FSSAI के तहत पंजीकृत होना चाहिए वे ऐसा करते हैं, यह उल्लेखनीय रूप से छोटी संख्या है। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग के माध्यम से, आरटीआई प्रश्न के कारण, हमारे पास पंजीकृत बूचड़खानों की संख्या पर 2014 का डेटा भी है। कुल संख्या 1,623 है, जिसमें आंध्र प्रदेश (183), महाराष्ट्र (316), तमिलनाडु (130) और उत्तर प्रदेश (285) में 100 से ज़्यादा हैं। पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में सिर्फ़ 11 हैं। हम पंजीकरण चाहते हैं क्योंकि सुविधाएँ और स्थितियाँ बेहतर होती हैं और स्पष्ट रूप से, ये बहुत कम आंकलन हैं।

Related Posts

CHANDAUI:विक्रम सिंह कन्या महाविद्यालय में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन

CHANDAUI: विक्रम सिंह कन्या महाविद्यालय में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन   CHANDAULI: चंदौली(पीडीडीयू नगर) : (खबर केसरी)।  विक्रम सिंह कन्या महाविद्यालय के प्रांगण में सोमवार को  मेहंदी प्रतियोगिता का सफल…

CHANDAULI: जनपद चंदौली,पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर, मुगलसराय के कसाई महल्ले में रात्रिकालीन पशु कटाई का संकट ?

CHANDAULI: जनपद चंदौली,पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर, मुगलसराय के कसाई महल्ले में रात्रिकालीन पशु कटाई का संकट ? उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े आदेश के बाद भी पुलिस प्रशासन…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *