
CHANDULI: समाज सेवा के क्षेत्र में सेवा करने के बाद लोगों की फोटो को लगा कर सोशल मीडिया में और करते हैं: शर्मिंदा
CHANDAULI
CHANDAULI:क्या समाज सेवा के नाम पर सोशल मीडिया में ज्यादा शोरगुल करने वालों की वास्तव में कोई दिलचस्पी होती भी है या सिर्फ अपना प्रभाव ही बढाना चाहते हैं ?
चंदौली(पीडीडीयू नगर) : (खबर केसरी) लोग क्या आजकल सचमुच बहुत ज्यादा भावुक हो गए हैं या फिर सोशल मीडिया पर इमोशनल होने का नाटक करते हैं?
क्यों लोग अधिक भावुक दिखते हैं:
* सोशल मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया ने लोगों को अपनी भावनाओं को साझा करने काचं (खबर केसरी) एक आसान मंच दिया है। लोग अपनी खुशी, दुख, गुस्सा आदि सब कुछ ऑनलाइन शेयर करते हैं।
* ध्यान पाने की चाह: कई लोग सोशल मीडिया पर ध्यान पाने के लिए अपनी भावनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं।
* समाज का दबाव: आज का समाज बहुत भावुक होने की ओर झुकता हुआ दिखाई देता है। लोग अपनी भावनाओं को दबाने के बजाय उन्हें व्यक्त करना पसंद करते हैं।
क्या लोग सचमुच अधिक भावुक हो गए हैं?
यह कहना मुश्किल है कि लोग पहले की तुलना में अधिक भावुक हो गए हैं या नहीं। (खबर केसरी) हो सकता है कि हम सिर्फ उनकी भावनाओं को अधिक स्पष्ट रूप से देख रहे हों। यह भी हो सकता है कि सोशल मीडिया ने हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के नए तरीके दिए हों।
निष्कर्ष:
यह कहना सही नहीं होगा कि सभी लोग सोशल मीडिया पर इमोशनल होने का नाटक करते हैं। कई लोग अपनी भावनाओं को (खबर केसरी) सच्चे दिल से व्यक्त करते हैं। लेकिन यह भी सच है कि कुछ लोग ध्यान पाने के लिए अपनी भावनाओं का इस्तेमाल करते हैं।
आप क्या सोचते हैं?
यह जानना दिलचस्प होगा कि आप इस बारे में क्या सोचते हैं। क्या आपको लगता है (खबर केसरी) कि लोग आजकल पहले की तुलना में अधिक भावुक हो गए हैं? या फिर यह सिर्फ सोशल मीडिया का प्रभाव है?
कुछ अन्य सवाल जो आप पूछ सकते हैं:
* क्या आप सोचते हैं कि सोशल मीडिया ने लोगों की भावनाओं को प्रभावित किया है?
* क्या आप सोचते हैं कि भावनाओं को व्यक्त करना महत्वपूर्ण है?
* क्या आप सोचते हैं कि लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं?
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।